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Subah ka nashta Sir John sang (desi khabaron ka adda)


Sir john

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MP village gets electricity 63 years after independence Nearly 63 years after Independence, a village situated on a hillock near Indore, got its first ever electricity connection. Koparwel, a tiny village with 20 households, broke into jubilation with the lighting of a bulb in one of its huts this Friday. Ambaram is the first villager to get the electricity connection. No sooner was his house brightened by a CFL bulb, villagers worshipped the instrument, distributed "prasad" and burst firecrackers. "It is a matter of joy that electricity has come to our village," Ambaram said. Children are happy that they will have electricity to study at night and bid adieu to lanterns shortly while the youths are glad that they will not have to go to neighbouring village to charge their cell phone batteries, he said. However, it was not an easy task to electrify Koparwel. "It was a challenge to electrify Ambaram's place given that the village is situated on the hilltop," Madhya Pradesh Western Distribution Company Limited (MPWDCL) Chief Engineer Sanjay Mohase said. In two to four days, other houses in the village too will get electricity connection, he said. B->

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देश की सबसे बड़ी अदालत महिलाओं को ‘रखैल’ कैसे कह सकती है? नई दिल्ली. लिव-इन रिश्तों संबंधी ताजा फैसले में सुप्रीम कोर्ट के ‘रखैल’ या ‘वन नाइट स्टैंड’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) इंदिरा जयसिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इन शब्दों को फैसले में से निकाले जाने पर भी जोर दिया। इन शब्दों से खफा इंदिरा जयसिंह ने जस्टिस मरकडेय काटजू तथा टीएस ठाकुर की बेंच से कहा कि फैसले में ‘कीप यानी रखैल’ शब्द बेहद आपत्तिजनक है। इसे निकाले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘देश का सुप्रीम कोर्ट 21वीं सदी में किसी महिला के खिलाफ यह शब्द कैसे इस्तेमाल कर सकता है? क्या एक महिला कह सकती है कि उसने एक पुरुष को रख रखा है।’ कोर्ट के सामने उन्होंने कहा, ‘मैं इस शब्द वाली टिप्पणी फैसले से हटाने को आवेदन करूंगी। मैं इस कोर्ट के सामने हाजिर होना नहीं चाहती। मैं खुद हटना पसंद करूंगी।’ इस पर बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस काटजू ने एएसजी से कहा-वे अदालत के सामने खुद को मामले तक ही सीमित रखें। जस्टिस ठाकुर ने उनसे पूछा कि क्या ‘कीप’ के बजाय ‘कोंक्युबाइन’ शब्द रखना ज्यादा उचित होगा। तब एएसजी ने कहा कि उनकी मुख्य आपत्ति गुरुवार को दिए फैसले में इस्तेमाल ‘कीप (रखैल)’ शब्द को लेकर है। गौरतलब है कि जयसिंह घरेलू हिंसा से महिलाओं को संरक्षण देने वाले कानून बनाने से जुड़ी रही हैं। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लिव-इन संबंधों के तहत महिला तब तक गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है, जब तक कि वह कुछ तय मानदंड पूरा नहीं करे। यह स्थापित होना चाहिए कि युगल वैधानिक तौर पर विवाह किए बिना पति-पत्नी जैसा रहता था

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ताइवान में बड़े सामाजिक संकट का खतरा, महिलाएं अपने आप से कर रहीं शादी आजकल ताइवान में एक अलग किस्म की शादी का चलन तेज़ी से पांव पसार रहा है। यहां कुछ महिलाएं 'खुद' से ही शादी कर रही हैं। ताइवान की राजधानी ताइपे की रहने वाली चेन वी यी नाम की महिला ने भी हाल ही में अपने आप से शादी की है और वे अब अकेले हनीमून मनाने के लिए तैयार हैं। दरअसल, ताइवान में महिलाएं अब पहले की तरह कम उम्र में शादियां नहीं कर रही हैं। वहां महिलाएं अब अविवाहित रहना भी पसंद कर रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह है कि ऐसी महिलाओं को लगता है कि अकेले रहने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उन पर किसी और की जिम्मेदारी नहीं होगी। ऐसी ही एक महिला ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा, दूसरे लोगों से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना चाहिए। हालांकि, ताइवान सरकार इस नए चलन से काफी चिंतित है। सरकार को चिंता है कि इससे जन्मदर पर सीधा असर पड़ेगा। चेन वी यी ने शादी के दिन खूबसूरत सफेद ड्रेस में फोटोग्राफरों को पोज़ दिए। शादी के लिए चेन ने एक बैंक्वेट हॉल बुक किया था और करीब 30 खास मेहमानों को बुलाया था। एक दफ्तर में काम करने वाली 30 साल की चेन का कहना है कि उसे अब तक किसी पुरुष ने आकर्षित नहीं किया है। लेकिन सामाजिक दबाव की वजह से उसे शादी करनी पड़ रही है। चेन अगले महीने रिसेप्शन का आयोजन करेंगी। फिलहाल चेन अकेले ही ऑस्ट्रेलिया में हनीमून की तैयारी कर रही हैं। चेन का कहना है, '30 साल मेरे लिए अच्छी उम्र है। मेरे पास अच्छा काम और अनुभव है। लेकिन मुझे अब तक अच्छा जीवन साथी नहीं मिला है। तो मैं क्या करूं?' चेन का कहना है कि वह शादी के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अपनी परंपराओं के दायरे में एक नया विचार जाहिर कर सकूंगी। चेन की शादी में तकरीबन ढाई लाख रुपये (5675 अमेरिकी डॉलर)का खर्च आया। इस शादी से पहले ऑनलाइन प्रचार अभियान चलाया गया। ऑनलाइन पब्लिसिटी के जवाब में करीब 1800 कमेंट आए थे। इन संदेशों में लोगों ने हमदर्दी जताई थी। हालांकि, शुरुआत में इस शादी से चेन की मां खुश नहीं थीं, लेकिन बाद में उन्होंने चेन की खुशी के लिए इस अनूठी शादी के लिए 'हां' कह दिया। चेन अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगी। चेन का कहना है कि अगर बाद में उन्हें अपनी पसंद का पुरुष मिला तो वे उससे शादी कर लेंगी। एक स्थानीय मीडिया के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस साल के शुरू में कराए गए सर्वे में सामने आया था कि सिर्फ 40 फीसदी महिलाएं यह सोचती हैं कि शादीशुदा लोग अविवाहित लोगों से बेहतर ज़िंदगी जीते हैं। 2009 में टूटा 40 साल का रिकॉर्ड ताइवान में पुरुष बहुत देर में शादियां करते हैं। महिलाओं को शादी और बच्चे होने के बाद नौकरी गंवाने का डर सताने लगता है। ताइवान के जीवन मूल्यों में बुनियादी बदलाव आ रहा है। यहां करीब दो-तिहाई महिलाएं यूनिवर्सिटी से शिक्षित हैं। शादी करने वाली महिलाओं की तादाद तेजी से घट रही है। ताइवान के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि पहली बार शादी करने वाली महिलाओं या पुरुषों की तादाद 2009 में करीब दो लाख थी, जो कि पिछले 40 साल का सबसे कम आंकड़ा है। :omg:

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CWG: दवा ले कर ऑस्*ट्रेलियाइयों ने जीत लिए सबसे ज्*यादा मेडल? ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में दिल्ली में संपन्*न हुए कॉमनवेल्थ खेलों में मैडल सूची में प्रथम स्थान हासिल किया, लेकिन साथ ही अपनी हरकतों से उन्होंने कई बार खेल भावना को लज्जित किया। अब ऑस्ट्रेलिया में हुए नए खुलासे में वहां के एथलीटों के कॉमनवेल्थ खेलों में प्रतिबंधित दवाएं लेकर प्रदर्शन करने की आशंका है। ऑस्ट्रेलिया के खेल जगत को शर्मसार करने वाले संभवतः अब तक के सबसे बड़े डोपिंग स्कैंडल में नौ एथलीट प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करने के दोषी पाए गए हैं। इनमें से कई खिलाड़ियों ने हाल ही में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लिया और पदक भी जीते थे। ऑस्ट्रेलिया स्पोर्ट्स एंटी डोपिंग अथारिटी (एएसएडीए) ने हालांकि इनके नामों का खुलासा अभी नहीं किया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खेलप्रेमियों ने इनके नाम उजागर करने की मांग की है। ये खिलाड़ी वही मिथाइलहैक्सेनिमाइन(डीएमएए) दवा का सेवन करने के आरोपी हैं, जिसे लेने पर कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान नाईजीरिया की खिलाड़ी ओसायेमी ओलुडामोला का गोल्ड मैडल छीन लिया गया था। घटना का खुलासा होते ही एएसएडीए ने देश में सभी एथलीटों को अत्यावश्यक संदेश भेजकर प्रतिवंधित दवाओं का सेवन न करने को कहा है। एएसएडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओरुरा एंडरुक्सा ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह काफी गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों के नाम कब उजागर किए जाएंगे यह अभी कहना मुश्किल है क्योंकि इसकी पूरी कानूनी प्रक्रिया है। अथॉरिटी के अधिकारी ने बताया कि मिथाइलहेक्सानिमाइन लेने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। खिलाड़ी गलती से भी यह प्रतिबंधित दवा न लें, इसके लिए उन्हें पूरी सावधानी बरतनी होगी। ऑस्ट्रेलिया के खेल मंत्री मार्क अर्बीब ने भी सभी खिलाड़ियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। ऑस्ट्रेलिया में उठे नशीली दवाओं के सेवन पर उठे बवाल के बाद एथलेटिक्स ऐसोसिएशन के सीईओ डलास ओ ब्राइन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया स्पोर्ट्स एंटी डोपिंग अथॉरिटी(एएसएडीए) ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी खिलाड़ी तैराकी सहित किसी भी खेल के हो सकते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि मेरा भरोसा है कि खिलाड़ियों ने जानकारी के अभाव में यह दवा ली है। ड्रग्स एंड अल्कोहल रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर के संचालक पॉल ढिल्लों ने कहा कि यह दवा मिथाइलहेक्सानेमाइन के कई रूपों में उपलब्ध है। संभावना यही है कि खिलाड़ियों ने यह दवा इसलिए ली है कि उन्हें इसके नतीजे नहीं मालूम थे। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों का दावा है कि ये टेस्ट या तो कॉमनवेल्थ खेलों के पहले किए गए या फिर बाद में, क्योंकि खेलों के दौरान वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी ने खिलाड़ियों के सेंपल टेस्ट किए थे, लेकिन आशंका है कि कई खिलाड़ियों ने प्रतिबंधित दवाएं लेकर ही कॉमनवेल्थ खेलों में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया। अब ऑस्ट्रेलिया इसलिए भी चिंतित है कि लंदन ओलंपिक खेल 2012 में होना है, और इन दोषी खिलाड़ियों को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। कॉमनवेल्थ खेलों में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की हरकतें हाल ही में दिल्ली मे हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों ने अपनी हरकतों से खेल जगत को लज्जित किया। एक ऑस्ट्रेलियाई पहलवान ने हारने के बाद न केवल भारत के पहलवान से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया बल्कि अंपायरों की तरफ भी अश्लील इशारे किए। इसके बाद उनका सिल्वर मैडल छीन लिया गया था। इसी तरह एक साइक्लिस्ट ने लापरवाही से साइकिल चलाकर कुछ एथलीटों को चोट पहुंचाई। यही नहीं खेलगांव में खिलाड़ी शराब पीकर हुड़दंग करने थे। अंतिम दिन तो उन्होंने हद कर दी जब वाशिंग मशीन ही अपार्टमेंट के बाहर फेंक दी। वे करीब एक करोड़ का सामान भी ले गए। क्या है प्रतिबंधित दवा मिथाइलहेक्सानिमाइन? मिथाइलहेक्सानेमाइन को डायमिथाइलमाईलेमाइन याने डीएमएए भी कहा जाता है। यह दवा आमतौर पर नाक बंद होने के समय इलाज के लिए ली जाती है। इसका उपयोग बॉडी बिल्डिंग के लिए भी किया जाता है। खिलाड़ी इसका उपयोग शक्तिवर्धक के रूप में करते हैं। 2009 में विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी ने इसे प्रतिबंधित दवाओं की सूची में डाल दिया। यह बाजार में कई रूपों में उपलब्ध है। :finger:to all Aussies atheltes but not for women hockey team. for them.:icflove:

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