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BRAHMĀSTRA Part One: Shiva


poyzzplaidwell

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9 hours ago, kepler37b said:

Oh yes. Let us see what exhibitors put on their ITR forms. Not what they put on social media.

ok see that and let me know 

Do u have some common sense ?? Do you know their are deals of are profit sharing with films ??? IF they show fake profits they ll have to share profits , going by ur logic if they are in losses so for their fake images they ll end up giving more money. What image gain will exhibitors gain from giving fake collections ??

 

Also about KJO ITR well he ll only show what he ll make- he has to return to his investors first and then if ranbir has worked for 10 yrs he wud have taken a paycut but in return he might have asked for profit share so even he wud have been paid. After all whatever he ll be left he ll show which can even mean loss. If you think he ll fake it, well Dept are their to do jobs

 

Thats why im saying if you dont understand the bussiness dont use ur brain. Go enjoy the movie or hate it, numbers is least of your concern as u aint an investor or stake holder 

Edited by Ankit_sharma03
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14 minutes ago, Ankit_sharma03 said:

ok see that and let me know 

Do u have some common sense ?? Do you know their are deals of are profit sharing with films ??? IF they show fake profits they ll have to share profits , going by ur logic if they are in losses so for their fake images they ll end up giving more money. What image gain will exhibitors gain from giving fake collections ??

 

Also about KJO ITR well he ll only show what he ll make- he has to return to his investors first and then if ranbir has worked for 10 yrs he wud have taken a paycut but in return he might have asked for profit share so even he wud have been paid. After all whatever he ll be left he ll show which can even mean loss. If you think he ll fake it, well Dept are their to do jobs

 

Thats why im saying if you dont understand the bussiness dont use ur brain. Go enjoy the movie or hate it, numbers is least of your concern as u aint an investor or stake holder 

:hysterical::hysterical::hysterical::hysterical::hysterical::hysterical::hysterical::hysterical:

 

Ok. Looks like i offended you man. Relax and Chill!!!

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31 minutes ago, kepler37b said:

 

Almost the same response from all my friends and relatives. 

 

People arguing for this movie are bollywood premi rather than cinema premi. 

That guy didn't understand the film at that's why he is saying love story was bad. They are missing the hints and clues that show how Isha and love story was essential to the story because Shiva's story cannot be completed without Parvati or Shakti. It's not a marvel film. It's a film on our mythology.

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Here I am giving prospect of the film till September 29.

 

It has done 140 cr net in 4 days. It has 3 week window. Two weekends me will do 100 cr more, 60+40. Week days 10 cr per day average. Means 100 cr possible. It means 340 cr nett in India. Add 200 cr overseas collection. 200 cr for music, tv and OTT rights. Total 740 cr nett. +- 50 cr means 690 cr. Budget 400 cr. This is the revenue model explained in detail.

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24 minutes ago, rkt.india said:

That guy didn't understand the film at that's why he is saying love story was bad. They are missing the hints and clues that show how Isha and love story was essential to the story because Shiva's story cannot be completed without Parvati or Shakti. It's not a marvel film. It's a film on our mythology.

I like this type of debate. Civil, patient, rigorous and with no personal attacks.

 

And yes, you are probably right. 

 

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5 minutes ago, kepler37b said:

I like this type of debate. Civil, patient, rigorous and with no personal attacks.

 

And yes, you are probably right. 

 

There is more to this film than just plain story. Very minute details that have created mystry about who actually Isha is, what's her motive. Why Shiva started having visions and his fire connection woken up after meeting Isha. Why he saw Isha in his visions when he could only see visions of people related to Brahmansh. What's Isha's connection with Brahmansh. Why Isha was wearing same ring as Dev. Is she related to Dev?

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21 minutes ago, MultiB48 said:

So what you are saying is almost a crore people will watch this stupid film on screen in India, that's unbelievable.

80 lacs have already watched it in India in first 3 days. Final count will be around 2 cr plus in the next 18 days.

 

Have you watched it? Watch it then discuss brahmastra theories.

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25 minutes ago, ash said:

So boycott trend has failed? Even a film with avg reviews has managed to collect good amount. Lesson learnt for Bollywood, they need to have something big to offer to attract the audience. 

It never worked 

95% film flop every year 

At the end if ppl like the film they ll go 

Creating a hype matters - Brahamastra did that. 

People want to go now for big films or family entertainer or a film that they are sure will be good thats where WOM comes. Even if they have a doubt they ll wait for an OTT release which is mostly a month away. 

 

 

Lesson filmmakers need to learn is cost control and better content coz now getting audience to theatre is not easy. 

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ब्रह्मास्त्र- फ़िल्म एनालिसिस 

 

डिस्क्लेमर :

 

*अरसे बाद किसी फिल्म का विश्लेषण किया है और ये पूरी तरह मेरी एक दर्शक और हज़ारों फिल्में देखने के बाद आई समझ के आधार पर व्यक्तिगत विश्लेषण है...

इसलिए पढ़कर जवाब भी तर्क संगत दें और हां बिना फ़िल्म देखे एक सेट एजेंडा वाले दूर रहें 

 

प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है , 

निस्वार्थ प्रेम के सामने बड़ी से बड़ी शक्ति भी झुक जाती है...

 

ये बात युगों युगों से धर्म से लेकर लिट्रेचर, संगीत, पेंटिंग फ़िल्म, हर जगह कही गयी है ..

 

और हममें से अधिकतर लोग इसे मानते भी है 

 

वो सती के लिए शिव का प्रेम ही था जिसकी वजह से शिव सती के यज्ञ कुंड में प्राण देने के बाद सृष्टि के संहार पर उतारू हो गए थे...

 

वो सीता मैय्या का भगवान राम के प्रति प्रेम ही था जो वो उनके साथ 14 वर्ष के वनवास में चल दी 

 

वो राम का सीता के प्रति प्रेम ही था जिसने महाशक्तिशाली पराक्रमी रावण और उसके परिवार का सर्वनाश किया

 

वो राधा का कृष्ण के प्रति प्रेम ही था जिसकी वजह से आज भी कृष्ण से पहले राधा रानी का नाम याद आता है 

 

वो मीरा का प्रेम ही था जिसने ज़हर को अमृत में बदल दिया

 

धर्म से आगे बढें तो नेरुदा से लेकर शरतचन्द्र 

टैगोर से लेकर काफ्का

गुलज़ार से लेकर धर्मवीर भारती सबने अपनी कालजयी रचनाओं में प्रेम को सबसे ऊपर रखा

यहां तक कि हैरी पॉटर से लेकर सुपरहीरो कॉमिक्स तक मे सबसे बड़ी ताकत प्रेम को दर्शाया है..

 

साहित्य के बाद संगीत की बात करें तो राग हो या पाश्चत्य जैज़ हमेशा निस्वार्थ प्रेम के इर्द गिर्द ही रहते है

 

प्रेम की शक्ति से याद आया कि इस सदी की सबसे सफल किताबों और फ़िल्म सीरीज़ हैरी पॉटर में 

 

लार्ड वोल्डेमॉर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली जादूगर है जिसके सामने कोई नही टिक सकता पर जब वो नवजात हैरी को मारने के लिए हमला करता है और एक माँ के अपनी संतान के लिए निश्चल प्रेम से बनाये रक्षा कवच को छूता है तो अपनी शक्ति और शरीर दोनों से हाथ धो बैठता है...

 

फ़िल्म के आगे के हिस्से में प्रोफेसर स्नेप के अनूठे प्यार के बारे में पता चलता है वो प्यार जिसमे पाना ही सब कुछ नही था 

उस प्यार की खातिर स्नेप सबसे शक्तिशाली बनने के प्रलोभन को ठुकरा अपनी जान दे देते हैं...

 

हैरी के माता पिता का प्यार , माता पिता के दोस्तों का अनाथ हैरी को दिया प्यार 

हर्माइनी और रॉन का प्यार दुनिया के सबसे शक्तिशाली काले जादू को सिर्फ एक छोटे से मन्त्र से निशस्त्र कर देता है...

 

अवेंजर्स एन्ड गेम में जब टोनी स्टार्क की बेटी I love you 3000 कहती है तो ये एक मासूम सी लाइन जिसका शायद कोई अर्थ भी नही प्यार की परिभाषा बन जाती है....

 

ऐसा ही कुछ ब्रह्मास्त्र में भी होता है ...

 

हज़ारों क्रिटिक्स से लेकर अनगिनत लोगों ने फ़िल्म के बारे में भला बुरा लिखा पर कमाल की बात है आखिर क्यों उनमें से किसी का ध्यान इस बात पर नही गया कि इस फ़िल्म की कहानी ठीक उसी फॉरमेट में है जैसी किसी यंग एडल्ट फिक्शन या सुपरहीरो फ़िल्म में होती है...

 

और अगर हैरी पॉटर का भारतीयकरण किया जाए तो वो ब्रह्मास्त्र होगी ये बात किसी ने ऑब्जर्व क्यों नही की पता नही 

 

पर मुझे ये क्यों लगा आइए जानते हैं 

 

ब्रह्मास्त्र और हैरी पॉटर में बहुत समानता है पर इसका ये मतलब नही कि ब्रह्मास्त्र कॉपी है 

ब्रह्मास्त्र में सुपर हीरो जॉनर को बिल्कुल उसी तरीके में एक्स्प्लोर किया है जिस तरीके से पूरी दुनिया को सुपर हीरो या फंतासी जॉनर देखना पसंद है 

 

हैरी पॉटर एक अनाथ साधारण बच्चा है जिसे अपने माता पिता के बारे में कुछ खास नही पता

 

ब्रह्मास्त्र के शिवा के साथ भी ऐसा ही था 

 

हैरी पॉटर में डंबलडोर एक गार्डियन और मेंटोर बनते हैं और हैरी को उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई और लड़ाई के लिए तैयार करते है

 

ब्रह्मास्त्र में ठीक ऐसा ही अमिताभ बच्चन का किरदार गुरु करता है

 

हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट से दुनिया को बचाने और उसके हाथ डेथली hollows ना लगबे देने के लिए हैरी जे माता पिता के साथ के लोग लड़ते है और कुछ मर भी जाते है

 

ब्रह्मास्त्र के अंत मे भी यही बताया है कि 30 साल पहले ऐसा ही कुछ हुआ था

 

हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट सबसे होनहार जादूगर था पर ताकत में अंध होकर कैसे एक महाशक्तिशाली जादूगर ने अच्छाई से बुराई की तरफ रुख किया था 

 

ठीक ऐसा ही ब्रह्मास्त्र में दिखाया गया है कि कैसे ब्रह्मास्त्र के रक्षकों में से जो सबसे ताकतवर था वो शक्ति के लालच में रोशनी छोड़ अंधेरे की राह चल पड़ा

 

हैरी पॉटर में जादूगरों की फौज आर्डर ऑफ फिनिक्स के पुराने सदस्य जब वोल्डेमॉर्ट और उसकी सेना के हाथों मरने लगते हैब तो हैरी अपने साथियों के साथ मिलकर एक नई आर्डर ऑफ फिनिक्स बनाता है 

 

ब्रह्मास्त्र में भी शाहरुख नागार्जुन के किरदार जब हर जाते है तो एक नई पीढ़ी के कम उम्र ब्रह्मास्त्र रक्षकों का समूह तैयार होते दिखाई देता है

 

जिस तरह हैरी खुद बिना किसी प्रयास के वोल्डेमॉर्ट की आत्मा के एक हिस्से से जुड़ जाता है और उसकी शक्तियों के साथ साथ उसकी योजनाओं को भी देखने मे सक्षम हो जाता है 

ठीक वैसे ही ब्रह्मास्त्र में शिवा का किरदार ना चाहते हुए भी भाग दो में आने वाले विलन देव से जुड़ा है और देव जैसी ही शक्तियां ना चाहते हुए भी शिवा में है 

शिवा भी देव की हर चाल उसकी खुशी और गुस्से को अनुभव ही नही करता बल्कि देख पाता है..

 

और अंत मे हैरी पॉटर का रक्षा कवच उसकी मां लिली पॉटर का अपनी संतान के प्रति प्रेम और प्रोफेसर स्नेप का अपने प्यार के लिए किया बलिदान होता है

 

वैसे ही ब्रह्मास्त्र में शिवा और देव में सबसे बड़ा अंतर यही होता है कि एक ब्रह्मांड में राज करने के लिए ब्रह्मास्त्र हासिल करना चाहता है और दूसरा सिर्फ अपने प्रेम को पाना और दुनिया को बचाना चाहता है...

 

और जैसे हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट को लाख कोशिश और मौत का तांडव करने के बाद भी deathly hallows नही मिल पाते और हैरी को अपने आप मिल जाते है और दुनिया का सबसे शक्तिशाली जादूगर बनने की जगह हैरी deathly hallows को नष्ट कर देता है

 

उसी तरह ब्रह्मास्त्र के पार्ट 1 में देव चाहकर भी ब्रह्मास्त्र हासिल नही कर पाता और शिवा अपने प्रेम की ताकत से ब्रह्मास्त्र को शांत कर देता है....

 

*********

 

अब बात करते हैं फ़िल्म के धार्मिक एंगल की 

 

फ़िल्म की शुरुआत दुर्गा मां के पंडाल से होती है और जैसा कि सब जानते है कि पांडाल में अक्सर लोग जूते चप्पल पहन कर जाते है तो रणबीर का जूते वाला दृश्य पंडाल के बाहर एंट्री गेट का है जिसे कुछ बेवकूफ लोग बिना देखे मंदिर बता रहे है...

 

फ़िल्म का नाम ब्रह्मास्त्र है पर ये फ़िल्म कहीं भी वेद पुराण से जुड़ी होने का दावा नही करती इसे ऐसे समझिए थॉर सीरीज़ नॉर्स मायथोलॉजी पर आधारित है पर किरदारों के नाम और हथियारों को छोड़ पूरी थॉर सीरीज़ कहीं भी मोर्स मायथोलॉजी को सत्यापित नही करती

 

ब्रह्मास्त्र mytho फिक्शन और सुपरहीरो जॉनर का मिक्स है थॉर की तरह इसलिए इसमें कहीं धर्म का अपमान नही है 

 

थॉर गॉड ऑफ थंडर होते हुए भी अवेंजर्स में बियर पीता है 

 

और इस फ़िल्म के विलन के नाम ज़ोर रफ्तार और जुनून नाम से ज़्यादा विशेषण है जो उनकी हरकतों की वजह से ओपीनिंग सीन में दिए जाते है

 

अब सबसे बड़ी बात हिन्दू धर्म और हमारी संस्कृति को इतना खुल कर किसी फिल्म में नही दिखाया फ़िल्म के हीरो हीरोइन को शिव पार्वती का रेफेरेंस देना हो 

या फ़िल्म के पहले सीन में दुर्गा माँ दिखाना उसके बाद रावण दहन दिखाना या शिवा के किरदार का अपने से बड़े अमिताभ और नागार्जुन के किरदारों के चरण स्पर्श करना

 

शिवा को चॉल में रहने का भी लोग बिना देखे मज़ाक बना रहे है जबकि फ़िल्म में दिखाया है कि वो dj होने के बाद भी उस चॉल में इसिलए रहता है क्योंकि उस घर से उसकी मां की आखिरी यादें जुड़ी है 

 

शिवा की इस चॉल में छोटा सा मंदिर भी है जिसमे देवी की मूर्ति है ...

 

 

 

अब अगर ब्रह्मास्त्र की एक फ़िल्म के लिहाज से बात करें तो 

इस फ़िल्म में काफी सारी अच्छाई है तो कुछ खामी भी है 

 

सबसे बड़ी खामी फ़िल्म के संवाद है जो शायद बच्चों को ध्यान में रखकर लिखे गए है 

 

दूसरी सबसे बड़ी खामी शायद आने वेस्ले भागों के सबसे बडा सरप्राइज फैक्टर भी हो सकती है 

वो है आलिया भट्ट के किरदार को बचकाना दिखाना पर कुछ जगह ऐसे सटल हिंट दिखते है जिससे लगता है कि आलिया का किरदार वो नही है जो पहले भाग में दिखाया गया है

 

तीसरी कमी है फ़िल्म के किरदारों को ठीक से एस्टेब्लिश नही किया पर ये कुछ कुछ कैप्टेन अमेरिका सिविल वॉर जैसा है 

जिसमे ब्लैक पैंथर स्पाइडर मैन वॉर जॉइन करते है पर उनकी origin स्टोरी वाली फिल्में बाद में आती है 

 

उम्मीद है कि शाहरुख , नागार्जुन के किरदारों की origin स्टोरी अगले भाग में आएगी

 

अब फ़िल्म की अच्छी बात

 

ये फ़िल्म हिंदी ही नही भारतीय सिनेमा के लिए एक नई शुरुआत है 

 

स्पेशल इफ़ेक्ट, छायांकन, बैकग्राउंड म्यूजिक सब कुछ आपको एक अलग दुनिया मे ले जाता है

 

ये ठीक उसी तरह की फ़िल्म है जिसे हॉलीवुड में ब्लॉकबस्टर सिनेमा कहा जाता है जो कहानी में थोड़ी कमज़ोर हो पर as a film एक अलग एक्सपेरिंस दे वो भी पूरे परिवार को 

 

इस फ़िल्म की सबसे बड़ी खासियत ये भी है कि भारतीय सेन्सिबिलिटीज़ के साथ वैसी फ़िल्म बनाना जो पूरी दुनिया मे देखी जा सकती है...

 

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29 minutes ago, MultiB48 said:

Nonsense.

 

I have seen all the negative reviews of this film,I don't have to watch it.

Positive reviews bhi to dekho. Ya sirf negative par hi jaoge. Negativity spreads faster in this world because people can't see good for others, success for others. Despite those negative reviews, films has done well, there must be something good about it. 

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2 hours ago, rkt.india said:

ब्रह्मास्त्र- फ़िल्म एनालिसिस 

 

डिस्क्लेमर :

 

*अरसे बाद किसी फिल्म का विश्लेषण किया है और ये पूरी तरह मेरी एक दर्शक और हज़ारों फिल्में देखने के बाद आई समझ के आधार पर व्यक्तिगत विश्लेषण है...

इसलिए पढ़कर जवाब भी तर्क संगत दें और हां बिना फ़िल्म देखे एक सेट एजेंडा वाले दूर रहें 

 

प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है , 

निस्वार्थ प्रेम के सामने बड़ी से बड़ी शक्ति भी झुक जाती है...

 

ये बात युगों युगों से धर्म से लेकर लिट्रेचर, संगीत, पेंटिंग फ़िल्म, हर जगह कही गयी है ..

 

और हममें से अधिकतर लोग इसे मानते भी है 

 

वो सती के लिए शिव का प्रेम ही था जिसकी वजह से शिव सती के यज्ञ कुंड में प्राण देने के बाद सृष्टि के संहार पर उतारू हो गए थे...

 

वो सीता मैय्या का भगवान राम के प्रति प्रेम ही था जो वो उनके साथ 14 वर्ष के वनवास में चल दी 

 

वो राम का सीता के प्रति प्रेम ही था जिसने महाशक्तिशाली पराक्रमी रावण और उसके परिवार का सर्वनाश किया

 

वो राधा का कृष्ण के प्रति प्रेम ही था जिसकी वजह से आज भी कृष्ण से पहले राधा रानी का नाम याद आता है 

 

वो मीरा का प्रेम ही था जिसने ज़हर को अमृत में बदल दिया

 

धर्म से आगे बढें तो नेरुदा से लेकर शरतचन्द्र 

टैगोर से लेकर काफ्का

गुलज़ार से लेकर धर्मवीर भारती सबने अपनी कालजयी रचनाओं में प्रेम को सबसे ऊपर रखा

यहां तक कि हैरी पॉटर से लेकर सुपरहीरो कॉमिक्स तक मे सबसे बड़ी ताकत प्रेम को दर्शाया है..

 

साहित्य के बाद संगीत की बात करें तो राग हो या पाश्चत्य जैज़ हमेशा निस्वार्थ प्रेम के इर्द गिर्द ही रहते है

 

प्रेम की शक्ति से याद आया कि इस सदी की सबसे सफल किताबों और फ़िल्म सीरीज़ हैरी पॉटर में 

 

लार्ड वोल्डेमॉर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली जादूगर है जिसके सामने कोई नही टिक सकता पर जब वो नवजात हैरी को मारने के लिए हमला करता है और एक माँ के अपनी संतान के लिए निश्चल प्रेम से बनाये रक्षा कवच को छूता है तो अपनी शक्ति और शरीर दोनों से हाथ धो बैठता है...

 

फ़िल्म के आगे के हिस्से में प्रोफेसर स्नेप के अनूठे प्यार के बारे में पता चलता है वो प्यार जिसमे पाना ही सब कुछ नही था 

उस प्यार की खातिर स्नेप सबसे शक्तिशाली बनने के प्रलोभन को ठुकरा अपनी जान दे देते हैं...

 

हैरी के माता पिता का प्यार , माता पिता के दोस्तों का अनाथ हैरी को दिया प्यार 

हर्माइनी और रॉन का प्यार दुनिया के सबसे शक्तिशाली काले जादू को सिर्फ एक छोटे से मन्त्र से निशस्त्र कर देता है...

 

अवेंजर्स एन्ड गेम में जब टोनी स्टार्क की बेटी I love you 3000 कहती है तो ये एक मासूम सी लाइन जिसका शायद कोई अर्थ भी नही प्यार की परिभाषा बन जाती है....

 

ऐसा ही कुछ ब्रह्मास्त्र में भी होता है ...

 

हज़ारों क्रिटिक्स से लेकर अनगिनत लोगों ने फ़िल्म के बारे में भला बुरा लिखा पर कमाल की बात है आखिर क्यों उनमें से किसी का ध्यान इस बात पर नही गया कि इस फ़िल्म की कहानी ठीक उसी फॉरमेट में है जैसी किसी यंग एडल्ट फिक्शन या सुपरहीरो फ़िल्म में होती है...

 

और अगर हैरी पॉटर का भारतीयकरण किया जाए तो वो ब्रह्मास्त्र होगी ये बात किसी ने ऑब्जर्व क्यों नही की पता नही 

 

पर मुझे ये क्यों लगा आइए जानते हैं 

 

ब्रह्मास्त्र और हैरी पॉटर में बहुत समानता है पर इसका ये मतलब नही कि ब्रह्मास्त्र कॉपी है 

ब्रह्मास्त्र में सुपर हीरो जॉनर को बिल्कुल उसी तरीके में एक्स्प्लोर किया है जिस तरीके से पूरी दुनिया को सुपर हीरो या फंतासी जॉनर देखना पसंद है 

 

हैरी पॉटर एक अनाथ साधारण बच्चा है जिसे अपने माता पिता के बारे में कुछ खास नही पता

 

ब्रह्मास्त्र के शिवा के साथ भी ऐसा ही था 

 

हैरी पॉटर में डंबलडोर एक गार्डियन और मेंटोर बनते हैं और हैरी को उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई और लड़ाई के लिए तैयार करते है

 

ब्रह्मास्त्र में ठीक ऐसा ही अमिताभ बच्चन का किरदार गुरु करता है

 

हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट से दुनिया को बचाने और उसके हाथ डेथली hollows ना लगबे देने के लिए हैरी जे माता पिता के साथ के लोग लड़ते है और कुछ मर भी जाते है

 

ब्रह्मास्त्र के अंत मे भी यही बताया है कि 30 साल पहले ऐसा ही कुछ हुआ था

 

हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट सबसे होनहार जादूगर था पर ताकत में अंध होकर कैसे एक महाशक्तिशाली जादूगर ने अच्छाई से बुराई की तरफ रुख किया था 

 

ठीक ऐसा ही ब्रह्मास्त्र में दिखाया गया है कि कैसे ब्रह्मास्त्र के रक्षकों में से जो सबसे ताकतवर था वो शक्ति के लालच में रोशनी छोड़ अंधेरे की राह चल पड़ा

 

हैरी पॉटर में जादूगरों की फौज आर्डर ऑफ फिनिक्स के पुराने सदस्य जब वोल्डेमॉर्ट और उसकी सेना के हाथों मरने लगते हैब तो हैरी अपने साथियों के साथ मिलकर एक नई आर्डर ऑफ फिनिक्स बनाता है 

 

ब्रह्मास्त्र में भी शाहरुख नागार्जुन के किरदार जब हर जाते है तो एक नई पीढ़ी के कम उम्र ब्रह्मास्त्र रक्षकों का समूह तैयार होते दिखाई देता है

 

जिस तरह हैरी खुद बिना किसी प्रयास के वोल्डेमॉर्ट की आत्मा के एक हिस्से से जुड़ जाता है और उसकी शक्तियों के साथ साथ उसकी योजनाओं को भी देखने मे सक्षम हो जाता है 

ठीक वैसे ही ब्रह्मास्त्र में शिवा का किरदार ना चाहते हुए भी भाग दो में आने वाले विलन देव से जुड़ा है और देव जैसी ही शक्तियां ना चाहते हुए भी शिवा में है 

शिवा भी देव की हर चाल उसकी खुशी और गुस्से को अनुभव ही नही करता बल्कि देख पाता है..

 

और अंत मे हैरी पॉटर का रक्षा कवच उसकी मां लिली पॉटर का अपनी संतान के प्रति प्रेम और प्रोफेसर स्नेप का अपने प्यार के लिए किया बलिदान होता है

 

वैसे ही ब्रह्मास्त्र में शिवा और देव में सबसे बड़ा अंतर यही होता है कि एक ब्रह्मांड में राज करने के लिए ब्रह्मास्त्र हासिल करना चाहता है और दूसरा सिर्फ अपने प्रेम को पाना और दुनिया को बचाना चाहता है...

 

और जैसे हैरी पॉटर में वोल्डेमॉर्ट को लाख कोशिश और मौत का तांडव करने के बाद भी deathly hallows नही मिल पाते और हैरी को अपने आप मिल जाते है और दुनिया का सबसे शक्तिशाली जादूगर बनने की जगह हैरी deathly hallows को नष्ट कर देता है

 

उसी तरह ब्रह्मास्त्र के पार्ट 1 में देव चाहकर भी ब्रह्मास्त्र हासिल नही कर पाता और शिवा अपने प्रेम की ताकत से ब्रह्मास्त्र को शांत कर देता है....

 

*********

 

अब बात करते हैं फ़िल्म के धार्मिक एंगल की 

 

फ़िल्म की शुरुआत दुर्गा मां के पंडाल से होती है और जैसा कि सब जानते है कि पांडाल में अक्सर लोग जूते चप्पल पहन कर जाते है तो रणबीर का जूते वाला दृश्य पंडाल के बाहर एंट्री गेट का है जिसे कुछ बेवकूफ लोग बिना देखे मंदिर बता रहे है...

 

फ़िल्म का नाम ब्रह्मास्त्र है पर ये फ़िल्म कहीं भी वेद पुराण से जुड़ी होने का दावा नही करती इसे ऐसे समझिए थॉर सीरीज़ नॉर्स मायथोलॉजी पर आधारित है पर किरदारों के नाम और हथियारों को छोड़ पूरी थॉर सीरीज़ कहीं भी मोर्स मायथोलॉजी को सत्यापित नही करती

 

ब्रह्मास्त्र mytho फिक्शन और सुपरहीरो जॉनर का मिक्स है थॉर की तरह इसलिए इसमें कहीं धर्म का अपमान नही है 

 

थॉर गॉड ऑफ थंडर होते हुए भी अवेंजर्स में बियर पीता है 

 

और इस फ़िल्म के विलन के नाम ज़ोर रफ्तार और जुनून नाम से ज़्यादा विशेषण है जो उनकी हरकतों की वजह से ओपीनिंग सीन में दिए जाते है

 

अब सबसे बड़ी बात हिन्दू धर्म और हमारी संस्कृति को इतना खुल कर किसी फिल्म में नही दिखाया फ़िल्म के हीरो हीरोइन को शिव पार्वती का रेफेरेंस देना हो 

या फ़िल्म के पहले सीन में दुर्गा माँ दिखाना उसके बाद रावण दहन दिखाना या शिवा के किरदार का अपने से बड़े अमिताभ और नागार्जुन के किरदारों के चरण स्पर्श करना

 

शिवा को चॉल में रहने का भी लोग बिना देखे मज़ाक बना रहे है जबकि फ़िल्म में दिखाया है कि वो dj होने के बाद भी उस चॉल में इसिलए रहता है क्योंकि उस घर से उसकी मां की आखिरी यादें जुड़ी है 

 

शिवा की इस चॉल में छोटा सा मंदिर भी है जिसमे देवी की मूर्ति है ...

 

 

 

अब अगर ब्रह्मास्त्र की एक फ़िल्म के लिहाज से बात करें तो 

इस फ़िल्म में काफी सारी अच्छाई है तो कुछ खामी भी है 

 

सबसे बड़ी खामी फ़िल्म के संवाद है जो शायद बच्चों को ध्यान में रखकर लिखे गए है 

 

दूसरी सबसे बड़ी खामी शायद आने वेस्ले भागों के सबसे बडा सरप्राइज फैक्टर भी हो सकती है 

वो है आलिया भट्ट के किरदार को बचकाना दिखाना पर कुछ जगह ऐसे सटल हिंट दिखते है जिससे लगता है कि आलिया का किरदार वो नही है जो पहले भाग में दिखाया गया है

 

तीसरी कमी है फ़िल्म के किरदारों को ठीक से एस्टेब्लिश नही किया पर ये कुछ कुछ कैप्टेन अमेरिका सिविल वॉर जैसा है 

जिसमे ब्लैक पैंथर स्पाइडर मैन वॉर जॉइन करते है पर उनकी origin स्टोरी वाली फिल्में बाद में आती है 

 

उम्मीद है कि शाहरुख , नागार्जुन के किरदारों की origin स्टोरी अगले भाग में आएगी

 

अब फ़िल्म की अच्छी बात

 

ये फ़िल्म हिंदी ही नही भारतीय सिनेमा के लिए एक नई शुरुआत है 

 

स्पेशल इफ़ेक्ट, छायांकन, बैकग्राउंड म्यूजिक सब कुछ आपको एक अलग दुनिया मे ले जाता है

 

ये ठीक उसी तरह की फ़िल्म है जिसे हॉलीवुड में ब्लॉकबस्टर सिनेमा कहा जाता है जो कहानी में थोड़ी कमज़ोर हो पर as a film एक अलग एक्सपेरिंस दे वो भी पूरे परिवार को 

 

इस फ़िल्म की सबसे बड़ी खासियत ये भी है कि भारतीय सेन्सिबिलिटीज़ के साथ वैसी फ़िल्म बनाना जो पूरी दुनिया मे देखी जा सकती है...

 

हिंदी में अंग्रेज़ी का transliteration  करना अच्छा नहीं . पढ़ने में मुश्किल होता हैं. आप तो hopeless romantic  निकले! पर ज़्यादातर दर्शकों का मान्ना हैं की प्यार इस मूवी में obstruction  की तरह हैं और कहानी में ठीक तरह मिला नहीं हैं. 

 

मेरा सबसे बड़ी objection   हैं की, अगर fiction ही बनाना हैं तो हमारे धर्मशास्त्रों में ज़िक्र किया हुआ चीज़ें क्यों इस्तेमाल किया? ब्रमहास्त्रा का एक महत्व होता हैं। उसको पूरा पलटा देना ठीक नहीं लगता हैं. Harry Potter, superhero  मूवीज़ के बग़ैर. हमारे धर्मग्रंथों में आधारित बहुत सारे  कहानियाँ पाये जाते हैं . उससे बहतर मूवी बना सक्ते थे. 

Edited by coffee_rules
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51 minutes ago, coffee_rules said:

हिंदी में अंग्रेज़ी का transliteration  करना अच्छा नहीं . पढ़ने में मुश्किल होता हैं. आप तो hopeless romantic  निकले! पर ज़्यादातर दर्शकों का मान्ना हैं की प्यार इस मूवी में obstruction  की तरह हैं और कहानी में ठीक तरह मिला नहीं हैं. 

 

मेरा सबसे बड़ी objection   हैं की, अगर fiction ही बनाना हैं तो हमारे धर्मशास्त्रों में ज़िक्र किया हुआ चीज़ें क्यों इस्तेमाल किया? ब्रमहास्त्रा का एक महत्व होता हैं। उसको पूरा पलटा देना ठीक नहीं लगता हैं. Harry Potter, superhero  मूवीज़ के बग़ैर. हमारे धर्मग्रंथों में आधारित बहुत सारे  कहानियाँ पाये जाते हैं . उससे बहतर मूवी बना सक्ते थे. 

 

Brahmastra is a mythological fiction fantasy. So I don't get the argument of why used mythology in it. That was the purpose to use Indian mythology in a way that that they can create their own universe.

 

Next love angle, only people who have not understood the film and it's subtle clues will say love angle wasn't needed because it's ya complete film and will have to wait for remainder parts. Love angle has a subtle mystery element to it which I already talked about in the review. 

 

My favourite movie this year is still not Brahmastra nor RRR or KGF2 but Vikram.

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32 minutes ago, rkt.india said:

 

Brahmastra is a mythological fiction fantasy. So I don't get the argument of why used mythology in it. That was the purpose to use Indian mythology in a way that that they can create their own universe.

Mythology is wrong to be associated with Hinduism. It was used by Christianity to defeat Pagans in Europe. As if Bible, Quran, Jesus Christ and Allah are not as mythical as Hinduism's are.

I don't care if they are inspired by Hinduism concepts in fiction. Matrix was all about Vaishnava philosophy (non-dualism, chosen one/avatar etc) as much as not naming it.  They could have called it DevothamAstra for all I care (as Brahmastra is fictionalized as Astron ka Devta!).

 

32 minutes ago, rkt.india said:

 

Next love angle, only people who have not understood the film and it's subtle clues will say love angle wasn't needed because it's ya complete film and will have to wait for remainder parts. Love angle has a subtle mystery element to it which I already talked about in the review. 

Aap jaise Gyaani ab tak koi nahin mila

 

32 minutes ago, rkt.india said:

 

My favourite movie this year is still not Brahmastra nor RRR or KGF2 but Vikram.

 

Now I have to judge your taste. It was an average movie with mindless repetitive action in the second half. No advancement of any other character in the movie. 

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35 minutes ago, coffee_rules said:

Mythology is wrong to be associated with Hinduism. It was used by Christianity to defeat Pagans in Europe. As if Bible, Quran, Jesus Christ and Allah are not as mythical as Hinduism's are.

I don't care if they are inspired by Hinduism concepts in fiction. Matrix was all about Vaishnava philosophy (non-dualism, chosen one/avatar etc) as much as not naming it.  They could have called it DevothamAstra for all I care (as Brahmastra is fictionalized as Astron ka Devta!).

 

Aap jaise Gyaani ab tak koi nahin mila

 

 

Now I have to judge your taste. It was an average movie with mindless repetitive action in the second half. No advancement of any other character in the movie. 

Why can't mindless action be good?

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